Saturday, May 7, 2011

लखनऊ में आज सम्मानित किए गए सलीम ख़ान और डा. अनवर जमाल Best Blogger

बड़ा ब्लॉगर पूरी कोशिश करता है कि वह अपने पाठकों को ताज़ा जानकारी से बाख़बर रखे .
इसी कोशिश में आज 'मुशायरा' ब्लॉग पर एक पोस्ट आई और वादा किया गया कि इवेंट के फोटो भी जल्द ही दिखायेंगे.
सो जैसे  ही फोटो आये, आपके लिए हाज़िर कर दिए गए. यह प्रोग्राम चौ. चरण सिंह सहकारिता भवन लखनऊ में संपन्न हुआ.
समाज के जो तबक़े आधुनिक शिक्षा से पिछड़  गए हैं, उन तक शिक्षा का प्रकाश कैसे पहुंचे ? इस सम्मलेन का उद्देश्य यही था.
इस सम्मलेन का आयोजन 'आल इण्डिया उर्दू तालीम घर, लखनऊ' ने किया, जिसमें मुल्क के अलग अलग हिस्सों से बहुत से बुद्धिजीवियों और आलिमों ने भाग लिया. जिनमें अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त  मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली,  प्रोफ़ेसर अख्तरुल वासे (चेयरमैन उर्दू एकेडमी दिल्ली), डा. इस्लाम क़ासमी (सदर जमीअतुल उलेमा, उत्तराखंड), प्रोफ़ेसर अब्दुल वहाब ‘क़ैसर साहब (डायरेक्टर ऑफ़  एग्ज़ामिनेशन, मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद), डा. असलम जमशेदपुरी (उर्दू विभागाध्यक्ष चौ. चरण सिंह यनिवर्सिटी मेरठ), डा. साग़र बर्नी (अध्यक्ष उर्दू विभाग चै. चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ) प्रोफ़ेसर तनवीर चिश्ती (गोचर पी.जी. कॉलेज, सहारनपुर), डा. ज़फ़र गुलज़ार (चै. चरण सिंह यूनि., मेरठ) और डा. असलम क़ासमी साहब (उत्तराखंड) के नाम प्रमुख हैं। सभी लोगों ने हाज़िरीने मजलिस को अपने आलिमाना ख़यालात से नवाज़ा। मीडिया की दुनिया की एक क़द्दावर हस्ती जनाब अज़ीज़ बर्नी साहब किसी मजबूरी की वजह से रू ब रू न आ सके। उन्होंने तक़रीबन 10 मिनट तक कॉन्फ़्रेंस के ज़रिये सभा को संबोधित किया और उर्दू तालीम घर की कोशिशों को सराहा। इस प्रोग्राम में संभल से आए जनाब डा. फ़हीम अख़तर साहब और अनवर फ़रीदी साहब और दीगर शायरों ने अपने कलाम से भी दर्शकों को अम्नो-मुहब्बत का बेहतरीन संदेश दिया। 


इस मौक़े पर सलीम ख़ान साहब को हिंदी ब्लॉगिंग के ज़रिये एकता की राह के पत्थर तोड़कर उसे हमवार करने के लिए बेस्ट ब्लॉगर का अवार्ड मौलाना ख़ालिद रशीद फ़िरंगी महली के हाथों दिया गया। इंटरनेट के ज़रिये लोगों तक इल्म आम करने के लिए उन्होंने जो निःस्वार्थ योगदान संस्था को दिया है, उसकी भी संस्था द्वारा भरपूर तारीफ़ की गई। मौलाना ख़ालिद साहब ने हमें भी अपने हाथों से बेस्ट ब्लॉगर का अवार्ड दिया। हमें यह अवार्ड उर्दू से हिंदी अनुवाद के लिए दिया गया जो कि हमने कई उर्दू किताबों का हिंदी में किया है और इस तरह हिंदी ब्लॉगर्स के लिए उर्दू लिट्रेचर को समझना मुमकिन बना दिया। दीगर ब्लॉग के साथ ‘मुशायरा‘ ब्लॉग की भी तारीफ़ की गई। इस ब्लॉग पर भी हमने बहुत से शायरों के कलाम को उर्दू से हिन्दी में अनुवाद करके पेश किया है . 
हमने सभा को संबोधित करते हुए एक संदेश भी दिया। इस मौक़े पर डा. असलम क़ासमी साहब की एक किताब ‘उर्दू तन्क़ीद और उसका पसमंज़र‘ का विमोचन भी किया गया, जो कि उनकी थीसिस है जिसके लिए उन्हें डॉक्ट्रेट से नवाज़ा गया है।. इस प्रोग्राम की अध्यक्षता मौलाना मुहम्मद फुरकान  क़ासमी साहब ने की  जो कि एक हिन्दोस्तान भर की मस्जिदों की समिति के ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं.
हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया से इस प्रोग्राम में हमारे अलावा सलीम ख़ान, अनवार अहमद साहब, डा. असलम क़ासमी, डा. अयाज़ अहमद, तारिक़ भाई, फ़िरोज़ अहमद, डा. डंडा लखनवी, डा. शाहिद हसनैन व अन्य शामिल थे। कुछ ब्लॉगर्स के अकाउंट्स फ़ेसबुक पर हैं। पूरे कार्यक्रम की कवरेज करने के लिए मीडिया भी मौजूद था और वीआईपी की सुरक्षा के लिए ख़ासी तादाद में सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहे। 
प्रोग्राम की शुरुआत कुरआन शरीफ़ की तिलावत से हुई और ख़ात्मा दुआ पर हुआ . 
सुरक्षा के लिए मौजूद पुलिसकर्मी
वीआईपी मेहमानों की सुरक्षा के लिए मौजूद दरोगा
हिन्दी ब्लॉगर्स की टीम प्रोग्राम के शुरू में 
सलीम ख़ान प्रोफ़ेसर असलम जमशैदपुरी साहब को फूल पेश करते हुए 
प्रोफ़ेसर साहब एक हिन्दी ब्लॉगर भी हैं.

स्टेज पर मौजूद सम्मानित मेहमान  
मौलाना मुहम्मद फुरकान  क़ासमी
डा. डंडा लखनवी, सलीम खान, अनवर जमाल, डा. अयाज़,डा. सुरेश उजाला एडिटर,  अनिल   
मंच का विहंगम दृश्य 
डा. असलम क़ासमी 
सलीम खान स्टेज पर  
डा. अनवर जमाल स्टेज पर 
डा. अनवर जमाल सभा को संबोधित करते हुए 
एक विहंगम दृश्य 
अनवर जमाल एक भावपूर्ण मुद्रा में 
 मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली डा. अनवर जमाल को ईनाम से नवाज़ते हुए 
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली सलीम खान  को बेस्ट ब्लॉगर के ईनाम से नवाज़ते हुए  डा.
एक यादगार लम्हा सलीम खान के लिए

मीडियाकर्मी  रिपोर्टिंग करते हुए

30 comments:

तन्‍वी said...

हिनदी ब्‍लोगिंग पर पुस्‍तक के लोकारपण के चित्र कहां हैं, नकल तोपूरी करो सलीम भाई अनवर भाई। प्रयास अच्‍छा है।

DR. ANWER JAMAL said...

भाई बड़े ब्लॉगर का अपना स्टाइल होता है। वह किसी की नक़ल क्यों करे ?
वह तो सारे चित्र एकदम दिखा देता लेकिन किसी की जान से खेलकर क्या फ़ायदा लिहाज़ा ब्लॉगर्स की सहन शक्ति के अनुरूप ही सत्यदर्शन कराया जाएगा धीरे-धीरे।
धन्यवाद !

Khushdeep Sehgal said...

बहुत बहुत बधाई...

जय हिंद...

Khushdeep Sehgal said...
This comment has been removed by the author.
देवेन्द्र पाण्डेय said...

..बहुत बधाई।

कुमार राधारमण said...

पुरस्कार निश्चय ही,आगे और बेहतर करने को प्रेरित करते हैं। आशा है,सभी विजेता इसकी मर्यादा बनाए रखेंगे।

डा श्याम गुप्त said...

ये’बडा ब्लोगर’ किस चिडिया का नाम है और इसकी क्या परिभाषा है जी....

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

पहले वाली टिप्पणी में लिंक गलत जुड़ गया था:-अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?

Satish Saxena said...

शुभकामनायें आप सभी को !

Udan Tashtari said...

बधाई एवं शुभकामनाएँ.

Shah Nawaz said...

सभी को बहुत-बहुत बधाई....

DR. ANWER JAMAL said...

@ आदरणीय श्याम गुप्ता जी ! आप एक नज़र ऊपर नीचे देख लेते तो जान लेते कि बड़ा ब्लॉगर किसी चिड़िया का नाम नहीं है। अब आप दर्पण के सामने खड़े होकर ट्राई कीजिए और बताइये कि बड़ा ब्लॉगर किसे कहते हैं ?
:( :(

DR. ANWER JAMAL said...

@ भाई खुशदीप जी ! आप हमारी ख़ुशी में शरीक हुए, बेशक हमारी ख़ुशी दोबाला हो गई और लगा कि पुरस्कार की कुछ सार्थकता होती है।
जय हिंद !

DR. ANWER JAMAL said...

@ भाई रमेश जी ! आपकी भावना बहुत सुंदर है, मैं आपके लिए जो बन पड़ेगा ज़रूर करूंगा, ऐसा मैं पहले ही कह चुका हूं लेकिन कृप्या अगर आप एक दो लाइन पोस्ट के विषय पर भी लिखते तो अच्छा रहता ।
शुक्रिया !

DR. ANWER JAMAL said...

@ भाई देवेन्द्र पांडे जी ! आपका शुक्रिया ।

@ जनाब कुमार राधारमण जी ! मौलाना ख़ालिद रशीद साहब के हाथों पुरस्कार मिलने के बाद मुझे भी यही लगा कि 'पुरस्कार निश्चय ही,आगे और बेहतर करने को प्रेरित करते हैं'
आपकी आशा के अनुरूप इसकी मर्यादा बनाए रखने की मैं भरपूर कोशिश करूंगा।
आपसे सलाह और सुझाव आमंत्रित हैं कि आप मुझसे किस तरह की आशा रखते हैं।
इंशा अल्लाह आपको निराश नहीं होना पड़ेगा।

शुक्रिया ।

DR. ANWER JAMAL said...

@ जनाब सतीश सक्सेना जी,

@ जनाब समीर लाल जी ,

@ भाई शाहनवाज़ साहब ,

आपकी बधाई दिल से क़ुबूल है।
शुक्रिया !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अच्छा लगा आप दोनों को सम्मानित होते देखकर!
बहुत-बहुत बधाई!

Rajeev Bharol said...

दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें.

संजय भास्‍कर said...

बहुत बहुत बधाई..

संजय भास्‍कर said...

बधाई एवं शुभकामनाएँ.

संजय भास्‍कर said...

बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बधाई..

संजय भास्‍कर said...

बहुत ख़ुशी हुई आपको सम्मानित होते देखकर
बहुत-बहुत बधाई!

Kunwar Kusumesh said...

आपको और सलीम भाई को पुरस्कार की बारम्बार बधाई.सभी फोटो बहुत अच्छे लगे.

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) said...

सभी को बहुत-बहुत बधाई!

वीना श्रीवास्तव said...

शुभ कामनाएं और बधाई....

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

प्रिय दोस्तों! क्षमा करें.कुछ निजी कारणों से आपकी पोस्ट/सारी पोस्टों का पढने का फ़िलहाल समय नहीं हैं,क्योंकि 20 मई से मेरी तपस्या शुरू हो रही है.तब कुछ समय मिला तो आपकी पोस्ट जरुर पढूंगा.फ़िलहाल आपके पास समय हो तो नीचे भेजे लिंकों को पढ़कर मेरी विचारधारा समझने की कोशिश करें.
दोस्तों,क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना......... भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से
श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी लगाये है.इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ.
अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
यह टी.आर.पी जो संस्थाएं तय करती हैं, वे उन्हीं व्यावसायिक घरानों के दिमाग की उपज हैं. जो प्रत्यक्ष तौर पर मनुष्य का शोषण करती हैं. इस लिहाज से टी.वी. चैनल भी परोक्ष रूप से जनता के शोषण के हथियार हैं, वैसे ही जैसे ज्यादातर बड़े अखबार. ये प्रसार माध्यम हैं जो विकृत होकर कंपनियों और रसूखवाले लोगों की गतिविधियों को समाचार बनाकर परोस रहे हैं.? कोशिश करें-तब ब्लाग भी "मीडिया" बन सकता है क्या है आपकी विचारधारा?

Neelam said...

Anwer ji apke lekh aksar padha karti hoon..aap seedhe aur sadhe shabdon main apni bat sabke saamne rakhte hin..main to pehle se hi apki fan hoon..ab AC ho gayi hoon...aapko taahe dil se badhaai. aap yunhi unchayion ko chhoote rahen naye muqaam haasil karte rahen yahin dua hai hamari.

DR. ANWER JAMAL said...

@ नीलम जी ! आपकी बधाई हमें भी तहे दिल से ही क़ुबूल है। आपने जिन शब्दों के साथ तारीफ़ की है उसकी ठंडक मेरे दिल को भी पहुंच रही है।
आपका शुक्रिया ।

http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/

http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/05/self-improovement.html

दर्शन कौर धनोय said...

चर्चा -मंच पर आपका स्वागत है --आपके बारे मै मेरी क्या भावनाए है --आज ही आकर मुझे आवगत कराए -धन्यवाद !२०-५-११ ..
http://charchamanch.blogspot.com/

Taarkeshwar Giri said...

Mubarak ho Aap Dono ko