बड़े चिंतित रहते हैं और बच्चे बेफ़िक्र , घर में भी और ब्लॉग जगत में भी। छोटे ब्लॉगर की ख़ास पहचान यही है कि वह आपको निश्चिंत मिलेगा और बड़े ब्लॉगर्स को आप चिंतातुर पाएंगे।
आप देखेंगे कि बड़े ब्लॉगर चिंतित हैं कि
1. कहीं भविष्य में ब्लॉगर्स की आज़ादी न छीन ली जाए ?
2. लोग मान मनुहार क्यों नहीं कर रहे हैं आजकल ?
3. अमुक ब्लॉगर का 'दूसरा मक़सद' क्या हो सकता है ?
4. सामूहिक ब्लॉग्स पर एक लेख एक साथ क्यों डाला जाता है ?
5. ब्लॉगवाणी अगर बंद है तो इसे चालू कैसे कराएं ?
6. हमारी वाणी अगर ठीक ठाक चल रही है तो इसे बंद कैसे कराएं ?
7. ब्लॉगर्स अगर आपस में कहीं भिड़े हुए हैं तो इनमें मेल मिलाप कैसे कराएँ ?
8. ब्लॉगर्स अगर मिलकर समूह में साझा ब्लॉग्स चला रहे हैं तो इन्हें एलियंस का चंडूख़ाना कहकर हतोत्साहित कैसे किया जाए ?
9. क्यों न सामूहिक ब्लॉग्स की सदस्यता कैंसिल कर दी जाए ?
10. हिंदी ब्लॉगर्स की संख्या कैसे बढ़ाई जाए ? , नए ब्लॉगर्स को कैसे मैदान में लाया जाए ?
11. पुराने ब्लॉगर्स का बहिष्कार करके उनका मनोबल कैसे तोड़ा जाए ?
12. इन्हें अपनी चापलूसी और ख़ुशामद में टिप्पणियाँ देने की आदत कैसे डाली जाए ?
13. लोग सौजन्यतावश टिप्पणियाँ क्यों करते हैं ?
14. हिंदी ब्लॉगिंग को परिवर्तन का माध्यम कैसे बनाया जाए ?
15. अरे ! ब्लॉगिंग के ज़रिए वह तो सबका मन और मत सभी कुछ बदल डालेगा क्या ?
16. मेरी चौधराहट को लोग आख़िर मानते क्यों नहीं ?
इसी तरह की कई दर्जन चिंताएं जिनके ब्लॉग पर आपको चिताओं की तरह रौशन नज़र आएं , उस श्मशान को आप बेहिचक एक बड़ा ब्लॉग समझ सकते हैं। उनके ब्लॉग को स्टडी करने के बाद आप भी कई तरह की चिंताएं व्यक्त करना सीख सकते हैं । ऐसा करते ही आपकी गिनती ब्लॉग जगत के बड़े चिंतकों में होने लगेगी, बिना कोई रचनात्मक काम किए ही। याद रखिए , आपकी रचनात्मकता ही आपकी दुश्मन है, बड़ा ब्लॉगर बनने के रास्ते में आपके लिए सबसे बड़ी बाधा यही है। इससे मुक्ति की चिंता आपको करनी ही पड़ेगी , अगर आप एक बड़ा ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो।
चिंता कीजिए और बड़ा ब्लॉगर बन जाइए , है न कितना आसान तरीक़ा ?
चंडूख़ाने की हाँकिए और वह भी बिना चंडूख़ाने जाए और बड़े ब्लॉगर बन जाइए।
अधिकतर बड़े ब्लॉगर आजकल यही कर रहे हैं ,आप भी यही कीजिए ।
अगर आप उनसे अलग हटकर चलेंगे तो हमेशा छोटे ब्लॉगर कहलाएंगे।
सच यही है और मज़ाक़ तो यह है ही।
5 comments:
बड़े ब्लोगर बनने के चक्कर मैं कहीं अपने सर के बचे २-४ बाल भी ना झड जाएं. मैं तो यही कहता हूँ कि
उनका जो फ़र्ज़ है वो अहले सियासत जानें मेरा पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे
अब बड़ा रहूँ या छोटा कम से कम खोटा तो नहीं रहूँगा ना ..
apke muamle me kum-se-kum apki uprokt shodh sahi lag rahi hai..............
hamara man..na hai apki baten kabhi galat nahi hoti....tarika?...kah nahi sakte......................
lage rahiye.....
salam...
:)
@ काजल कुमार जी ! आप हमेशा मुस्कुराते रहें , ऐसी दुआ हम मालिक से करते हैं।
@ जनाब मासूम साहब ! ज़ईफ़ुल उमरी में एहतियात आ ही जाती है ।
@ मैथिली ब्राह्मण संजय झा जी ! आपने कहा है कि
'हमारा मानता है आपकी बातें कभी ग़लत नहीं होतीं'
आपकी यह एक लाइन बताती है कि मैं अपने मिशन में सफल हूँ। अगर आपको कभी भी मेरे तरीक़े में कमी महसूस हो तो ज़रूर बताएँ मैं अपने तरीक़े में बदलाव के लिए हमेशा तैयार हूँ।
बहुत दिन पहले आपने मेरी नन्हीं बिटिया अनम की ख़ैरियत दरयाफ़्त करने के लिए मुझे फ़ोन किया था , तब भी आपने मेरी बातों से मुकम्मल इत्तेफ़ाक़ जताया था और वाक़ई मुझे बहुत ख़ुशी भी हुई थी। इसीलिए मैं हमेशा कहता हूँ कि हिंदू सद्गुणों की खान होते हैं।
कृप्या अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहा कीजिए ।
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