बड़ा ब्लागर बनने के लिए आपको दूसरों अलग हटकर कुछ बड़ा काम करना होगा। आप कोई ऐसा अछूता विचार ब्लाग जगत को दीजिए जो कि आपसे पहले किसी ने भी न दिया हो। आप घिसे पिटे ढर्रे को दोहराने के बजाय नए प्रयोग करें।
जैसे कि मैंने हिंदी ब्लाग जगत को दुनिया की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी दी है जो ब्लागिंग का व्यवहारिक प्रशिक्षण देती है और वह भी पूरी तरह निःशुल्क। इसी के साथ इस प्रशिक्षण को मनोरंजन प्रधान भी रखा जाता है जिससे नए ब्लागर्स के लिए ब्लागिंग का प्रशिक्षण स्कूली पढ़ाई की तरह बोरिंग नहीं रह जाती है ।
ऐसे ही आज मैंने हिंदी ब्लाग जगत में Virtual Journalism अर्थात 'ब्लॉग पत्रकारिता' की बुनियाद रख कर एक नए युग का सूत्रपात कर दिया है । देखें :
ब्लॉग की खबरें
http://blogkikhabren.blogspot.com
मैंने देखा कि ब्लॉग जगत में भी बाहर की असली दुनिया की तरह रोजाना बहुत सी घटनाएँ घटित होती हैं लेकिन वे बाहर के किसी भी समाचार पत्र में नहीं छपतीं क्योंकि बाहरी दुनिया के अखबारों के लिए वे खबरें कोई अहमियत ही नहीं रखती हैं जैसे कि किसी दिन हम अपना ब्लॉग खोलना चाहते हैं तो पता चलता है कि ब्लॉग ही नहीं खुल पा रहा है । किसी दिन कोई एग्रीगेटर आ जाता है और किसी दिन कोई एग्रीगेटर अचानक चला जाता है और कोई एग्रीगेटर भीष्म पितामह की तरह हो जाता है कि उसकी साँसें तो चलती रहती हैं लेकिन सेवा के नाम पर केवल संदेश भेजता रहता है कि अब आप 25 नए चिठ्ठों का स्वागत कर लीजिए और अब आप 19 नए चिठ्ठों का स्वागत कर लीजिए , जैसे कि आजकल चिठ्ठाजगत कर रहा है।
कभी कोई ब्लॉगर किसी ब्लागरनी को धमकी देकर चौबे जी से छब्बे जी बनना चाहता है और जब वह पलटकर लौह प्रहार करती है तो बेचारे को दुबे जी बनकर रह जाना पड़ता है।
कभी यहाँ कोई किसी से पहले तो साथ जीने मरने की आभासी क़समें खाती है और जब उसका काम निकल जाता है तो फिर अपने यार-प्यार के लव लैटर्स सबको दिखाकर किसी साझे ब्लॉग के चौराहे पर उसे सारे ब्लॉग जगत में रूसवा करती है और उसकी प्रैस्टिज की अर्थी निकाल देती है।
कभी यहाँ कोई जान से मारने की धमकी देता है और कभी यहाँ कोई क़ानून की धमकी देता है । कभी यहाँ कोई ब्लॉगर्स पर मुक़द्दमा करने पर ईनाम की घोषणा करता है और कभी यहाँ किसी को अपनी ब्लॉग पोस्ट के संकलन पर एक लाख रुपए का पुरस्कार भी मिलता है जैसे कि अभी अभी भाई अजित वडनेरकर जी को 'शब्दों का सफ़र' पर मिला है। कभी किसी ब्लॉगर की शादी होती है जैसे कि डा. अयाज़ साहब की शादी 13 फरवरी 2011 को हुई है । कभी किसी को संतान सुख मिलता है तो कभी किसी ब्लॉगर के किसी प्यारे की मौत हो जाती है जैसे कि डा. रूपेश श्रीवास्तव जी की आदरणीय माता जी पर जादू किया गया और वे बीमार होकर चल बसीं ।
कभी कोई नया ब्लॉग आता है और बहुत कम समय में ही बुलंदी पर पहुँच जाता है जैसे कि 'अमन का पैग़ाम' पहुँच गया कि उसके विज़िटर्स की संख्या रोजाना 250 से लेकर 900 तक रहती है और ज्यादा भी हो जाती है ।
'अंतिम अवतार' ब्लॉग ने मात्र 5 पोस्ट्स प्रकाशित कीं और उसे गूगल ने रैंक 3 दे दिया जबकि मैं अपने ब्लॉग 'वेद कुरआन' पर 196 पोस्ट्स प्रकाशित करने के बाद भी गूगल की ओर से रैंक 2 ही हूँ । यह सचमुच एक चमत्कार है। इस चमत्कार को किया है मेरे आदरणीय गुरु श्री सारथि जी महाराज चाणक्य फ़ेम जनाब उमर कैरानवी साहब ने। इसके अलावा यहाँ बहुत लोग नए और पुराने ब्लॉगर्स की मुफ्त मदद करते हैं और कुछ लोग ब्लॉगर मीट भी अरेंज करते हैं।
कभी किसी साझे ब्लॉग से उसका अध्यक्ष खुद को पदमुक्त कर लेता है और कहीं दूसरी जगह कोई संचालक अपने खिलाफ लिखने पर उसी ब्लॉगर को निकाल बाहर करता है जिसने कि उस ब्लॉग की रूपरेखा बनाई होती है।
यहाँ कोई ऐसा भी हीरो है कि अकेला ही सब पर भारी है और यहाँ उसके खिलाफ साज़िशें रचने वाले विलेन भी हैं ।
ग़र्ज़ यह कि गुस्सा , नफरत , प्यार और हमदर्दी जिंदगी का हरेक रंग इस Virtual world में मौजूद है और ब्लॉगर्स को खुशी और ग़म देने वाली घटनाएँ भी यहाँ घटित होती ही रहती हैं लेकिन उन घटनाओं को समाचार के रूप में प्रकाशित करने का चलन यहाँ नहीं था । इस एक बड़ी कमी को आज मैंने मालिक की दया से दूर कर दिया है।
ऐसे ही अभी और भी बहुत से काम होना बाक़ी हैं । आप देखिए कि आप ब्लॉग जगत को क्या दे सकते हैं ?
आप ब्लॉग जगत को कुछ ऐसा दीजिए कि ब्लॉग जगत के लिए आपको नज़रअंदाज़ करना मुमकिन ही न रहे । बस आप इतना कर लीजिए , आप बड़े ब्लॉगर बन जाएँगे।
2 comments:
bhai sahab, bhartiy blog lekhak manch par pratiyogita ka aayojan hai. kya yah khabar nahi. jabki aap nyayadhish hai.
विचार बहुत अच्छे है आपके। प्रयास भी अच्छा कर रहे हैं। शुभकामनाएँ।
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